तब्लीगी जमात के खिलाफ अब SC पहुंचा मामला, जमात के गतिविधियों पर रोक और जांच की मांग

 तब्लीगी जमात का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली के रहने वाले अजय गौतम ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को लैटर पिटीशन भेजी है जिसमें तब्लीगी जमात की गतिविधियों पर रोक लगाए जाने और तब्लीगी जमात के धार्मिक आयोजन के जरिए पूरे देश में कोरोना संक्रमण फैलाने की साजिश की सीबीआइ से जांच कराए जाने की मांग की गई है।


मंगलवार को ईमेल के जरिए भेजी गई लेटर पिटीशन में अजय गौतम ने मांग की है कि कोर्ट इसे रिट याचिका मानकर सुनवाई करे। साथ ही दिल्ली सरकार को और केन्द्रीय गृह मंत्रालय को आदेश दे कि वे तत्काल प्रभाव से तब्लीगी जमात की सभी गतिविधियों पर रोक लगाएं। यह भी कहा गया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए दिल्ली और केन्द्र सरकार ने स्पष्ट तौर पर लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाई थी और डिसास्टर मैनेजमेंट कानून में आदेश भी जारी किये थे इसके बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के धार्मिक आयोजन में करीब दस हजार लोगों ने भाग लिया जिसमें 61 देशों के सैकड़ों विदेशी नागरिक भी शामिल थे।


आयोजन 15 मार्च को खत्म हो गया बावजूद तब्लीगी जमात ने निजामुनद्दीन में करीब 2700 लोगों को 31 मार्च तक रोकेरखा। इस गैरकानूनी काम के कारण देश के 21 राज्यों में कोरोना संक्रमण फैला। याचिका में कहा गया है कि आयोजन में भाग लेने वाले बहुत से लोग बाहर निकाले गए हैं लेकिन अभी भी काफी लोग पकड़ से बाहर हैं और महामारी फैला रहे हैं। कोरोना संक्रमण के 35-40 फीसदी मामले आयोजन में भाग लेने वालों के हैं।


याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट दिल्ली सरकार को तब्लीगी जमात की निजामुद्दीन की इमारत को ढहाने का आदेश दे। क्योंकि उनकी जानकारी के इस सात मंजिला इमारत का निर्माण बिना कई मंजूरियों के हुआ है। साथ ही तब्लीगी जमात के मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी जाए जो जमात में भाग लेने वालों के जरिये पूरे भारत में कोरोना संक्रमण फैलाने की साजिश की जांच करे। इसके अलावा दिल्ली के नार्थ ईस्ट में हुए दंगे मे भी इसकी भूमिका की जांच सीबीआइ को सौंपी जाए। साथ ही इस मामले में कार्रवाई करने में चूकने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी सरकार को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए।